सहारा में फंसे हुए पैसों के निवेशकों के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा समूह को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। अदालत ने समूह को निर्देश दिया है कि वह अपने शीर्ष अधिकारियों और वर्तमान शेयर धारकों की जानकारी के साथ-साथ उन संपत्तियों की सूची भी प्रस्तुत करे, जिन्हें बेचकर धनराशि जुटाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इन संपत्तियों की बिक्री से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं, जिससे निवेशकों का पैसा लौटाया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा समूह को निर्देश दिया कि वह अपने प्रमुख अधिकारियों और वर्तमान शेयर धारकों की जानकारी के साथ-साथ उन संपत्तियों की सूची भी पेश करे, जिनकी बिक्री से 10 हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। यह राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा की जाएगी, ताकि निवेशकों को उनका फंसा हुआ पैसा वापस किया जा सके। अदालत का यह आदेश निवेशकों के लिए राहत भरा है, क्योंकि इससे उनके पैसों की वापसी की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
Table of Contents
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया था
31 अगस्त, 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की कंपनियों, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL), को सख्त निर्देश दिए थे कि वे निवेशकों से जुटाई गई राशि को तीन महीने के भीतर 15% वार्षिक ब्याज के साथ सेबी को लौटाएं। यह आदेश निवेशकों की सुरक्षा और उनके धन की वापसी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया था, लेकिन कई साल बीतने के बावजूद यह मामला अब भी लंबित है, और निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिला है।
Read More : Sahara India Refund List 2024: इस लिस्ट मे नाम है, तो मिल जाएगा पैसा वापस, यहां से देखें लिस्ट!
निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए न्यायालय निकालेगी समाधान
जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बुधवार को कहा कि निवेशकों के फंसे हुए पैसे वापस करने के लिए अदालत को एक व्यावहारिक समाधान तलाशना होगा, क्योंकि यह मामला पिछले एक दशक से लंबित है और इसमें जल्द ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
सहारा समूह का बयान
सहारा समूह ने घोषणा की है कि वह लगभग 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने के लिए एक योजना पेश करेगा। समूह ने कहा कि यह मामला बार-बार नहीं चल सकता और अब कोई व्यावहारिक समाधान निकालने की आवश्यकता है। न्यायालय द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिए जाने के बाद से दस साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन कंपनी ने अब तक केवल 15 हजार करोड़ रुपये ही जमा किए हैं।