समूह लोन के नाम पर हो रहा है देशभर में बड़ा धोखा – जानिए पूरी सच्चाई!

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देश के ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे शहरों और कस्बों में आजकल तेजी से एक नया “वित्तीय धोखा” फैल रहा है – समूह लोन के नाम पर आम जनता को ठगा जा रहा है। विशेषकर महिलाएं और बेरोजगार युवक इस झांसे में फंस रहे हैं।

आधार कार्ड और पासबुक की फोटो लेकर, ₹500 से ₹1500 तक की “प्रोसेसिंग फीस” लेकर, इन लोगों से झूठे वादे किए जा रहे हैं कि “सरकारी योजना से ₹50,000 से ₹5 लाख तक का लोन मिलेगा”

लेकिन सच्चाई बहुत खतरनाक है।

समूह लोन क्या होता है?

समूह लोन या Self Help Group Loan (SHG Loan) असल में एक अच्छी योजना है, जिसका उद्देश्य होता है:

  • ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
  • छोटे व्यापारों को बढ़ावा देना
  • समूह में जिम्मेदारी के साथ लोन चुकाना

एक समूह में 5 से 10 लोग होते हैं और हर व्यक्ति पूरे लोन की जिम्मेदारी लेता है। ये लोन बैंक, NBFC या सरकार से मान्यता प्राप्त माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा दिया जाता है।

लेकिन अब ये योजना कैसे बन गई है एक धोखा?

आजकल कई फर्जी एजेंट, संस्था, NGO और दलाल ग्रामीण इलाकों में जाकर कहते हैं:

“आपका लोन पास हो गया है – ₹50,000 मिलेंगे, सिर्फ आधार कार्ड दीजिए, प्रोसेसिंग फीस ₹750 लगेगी।”

और फिर होता है ये 5 बड़ा धोखा:

PMEGP योजना से सिर्फ आधार कार्ड पर पाएं ₹25 लाख तक का बिज़नेस लोन

1. आपका आधार कार्ड किसी फर्जी लोन में इस्तेमाल होता है

आपको लगता है कुछ नहीं हुआ, लेकिन आपके नाम पर ₹1 लाख का लोन चल रहा होता है।

2. आपके CIBIL स्कोर की तबाही

कभी आपने लोन नहीं लिया, फिर भी आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है — भविष्य में बैंक से कोई लोन नहीं मिलेगा।

3. बिना जानकारी लोन पास

आपका नाम किसी “महिला समूह” में जोड़ दिया जाता है — चाहे आप पुरुष हों या महिला।

4. रिकवरी एजेंट घर पहुंचते हैं

जब किस्तें नहीं जातीं, तो कंपनी रिकवरी एजेंट भेजती है — और आप पर कर्जदार का ठप्पा लग जाता है।

5. पैसे लेने के नाम पर आपकी अंगूठी, दस्तावेज, फोटो जमा कर लिए जाते हैं

कई मामलों में लोग कहते हैं – “अगर लोन नहीं आया, तो पैसे वापिस” – लेकिन फिर मोबाइल नंबर बंद हो जाता है।

असली कहानी: हजारों लोग बन चुके हैं शिकार

राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम जैसे राज्यों में हजारों परिवार फंस चुके हैं इस झांसे में। महिलाओं को समूह में शामिल कर लिया गया, और जब लोन चुकाने का समय आया – तो कई महिलाएं खुद को पुलिस के सामने दोषी साबित करने में लगी रहीं।

कैसे बचें इस झांसे से?

सतर्कताक्या करें
किसी को भी आधार/पासबुक/फोटो की कॉपी न देंसिर्फ बैंक या मान्यता प्राप्त संस्था को ही
पहले से प्रोसेसिंग फीस देने से मना करेंअसली संस्था पहले लोन देती है, फिर फीस काटती है
सभी दस्तावेज खुद पढ़कर ही साइन करेंThumb लगाना = कानूनी सहमति, याद रखें
कोई भी NGO या संस्था कहे कि “गुप्त योजना है”, तो समझ जाएं – धोखा है

  1. सबसे पहले जानें कि आपके नाम पर कोई लोन तो नहीं चल रहा।
    👉 CIBIL Free Check
  2. उस संस्था या व्यक्ति के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज करें।
  3. अन्य पीड़ित लोगों को जोड़ें — साथ मिलकर शिकायत करें।
  4. सोशल मीडिया पर अपनी कहानी साझा करें ताकि और लोग जागरूक हों।

निष्कर्ष:

समूह लोन योजना गरीबों, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए एक बेहतरीन साधन है — लेकिन कुछ लालची लोगों ने इसे “कमाई का जरिया” बना लिया है।

💥 सावधान रहें, जागरूक बनें — और किसी के भी कहने पर अपने दस्तावेज़ ना सौंपें।=

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I am Shivani Sharma, a full-time content creator and blogger at merisarkariyojana.in. With over 6 years of experience in blogging and content creation, I specialize in government jobs (Sarkari Jobs), government schemes (Sarkari Yojana), exam results, syllabi and exam patterns, career news, and exam updates. My passion lies in delivering accurate and valuable content to keep my readers well-informed and empowered.

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